Sri Margabandhu Stotram – श्री मार्गबन्धु स्तोत्रम्


शम्भो महादेव देव
शिव शम्भो महादेव देवेश शम्भो
शम्भो महादेव देव ॥

फालावनम्रत्किरीटं
फालनेत्रार्चिषा दग्धपञ्चेषुकीटम् ।
शूलाहतारातिकूटं
शुद्धमर्धेन्दुचूडं भजे मार्गबन्धुम् ॥ १ ॥

शम्भो महादेव देव
शिव शम्भो महादेव देवेश शम्भो
शम्भो महादेव देव ॥

अङ्गे विराजद्भुजङ्गं
अभ्रगङ्गातरङ्गाभिरामोत्तमाङ्गम् ।
ओङ्कारवाटीकुरङ्गं
सिद्धसंसेविताङ्घ्रिं भजे मार्गबन्धुम् ॥ २ ॥

शम्भो महादेव देव
शिव शम्भो महादेव देवेश शम्भो
शम्भो महादेव देव ॥

नित्यं चिदानन्दरूपं
निह्नुताशेषलोकेशवैरिप्रतापम् ।
कार्तस्वरागेन्द्रचापं
कृत्तिवासं भजे दिव्यसन्मार्गबन्धुम् ॥ ३ ॥

शम्भो महादेव देव
शिव शम्भो महादेव देवेश शम्भो
शम्भो महादेव देव ॥

कन्दर्पदर्पघ्नमीशं
कालकण्ठं महेशं महाव्योमकेशम् ।
कुन्दाभदन्तं सुरेशं
कोटिसूर्यप्रकाशं भजे मार्गबन्धुम् ॥ ४ ॥

शम्भो महादेव देव
शिव शम्भो महादेव देवेश शम्भो
शम्भो महादेव देव ॥

मन्दारभूतेरुदारं
मन्दरागेन्द्रसारं महागौर्यदूरम् ।
सिन्दूरदूरप्रचारं
सिन्धुराजातिधीरं भजे मार्गबन्धुम् ॥ ५ ॥

शम्भो महादेव देव
शिव शम्भो महादेव देवेश शम्भो
शम्भो महादेव देव ॥

अप्पय्ययज्वेन्द्र गीतं
स्तोत्रराजं पठेद्यस्तु भक्त्या प्रयाणे ।
तस्यार्थसिद्धिं विधत्ते
मार्गमध्येऽभयं चाशुतोषो महेशः ॥ ६ ॥

शम्भो महादेव देव
शिव शम्भो महादेव देवेश शम्भो
शम्भो महादेव देव ॥

इति श्री मार्गबन्धु स्तोत्रम् ॥


इतर श्री शिव स्तोत्राणि पश्यतु ।


గమనిక: ఉగాది నుండి మొదలయ్యే వసంత నవరాత్రుల కోసం "శ్రీ లలితా స్తోత్రనిధి" పారాయణ గ్రంథము అందుబాటులో ఉంది.

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