-- प्रथम -- शांत हो श्रीगुरुदत्ता । मम चित्ता शमवी आता ॥ तू केवळ माता जनिता ।...
(श्री तुलसीदासु) श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भव भय दारुणं । नवकञ्ज लोचन...
(श्री मुत्तुस्वामि दीक्षितर्) वातापि गणपतिं भजेऽहं वारणाश्यं वरप्रदं श्री...
श्रीमन्नारायण श्रीमन्नारायण । श्रीमन्नारायण नी श्रीपादमे शरणु ॥ कमलासती...
ओं जय जगदीश हरे स्वामि जय जगदीश हरे भक्त जनोँ के सङ्कट दास जनोँ के सङ्कट क्षण...
अदिवो अल्लदिवो श्री हरिवासमु पदिवेल शेषुल पडगलमयमु ॥ अदिवो ॥ अदे...